साप्ताहिक, अखण्ड अथवा गोटा पारायणके अवसर पर सर्व प्रथम वधाईयाँ गायें. फिर चन्दन चढावनी पूर्णब्रह्म, आरती, परिक्रमा, स्वरूप (मंगलाचरण) के पश्चात भोग लगाकर ५ वार श्री तारतम मन्त्र जापके पश्चात पारायण पाठ प्रारंभ करें.
पूर्णाहुतिकी विधि:-
पारायण पूर्णाहुतिके अवसर पर अन्तिम प्रकरण तथा आरंभकी १७ चौपाईयाँ पाठकर रूमाल चढ़ायें. फिर पर न आवे तोले एकने प्रकरण तथा बधाईयाँ गाकर चन्दन चढावनी, आरती, परिक्रमा, स्वरूपके पश्चात भोग लगायें. अन्तमें ५ बार श्री तारतम महाँ मन्त्रका जाप करें.
गृह प्रवेशकी विधि:-
अपनी छमतानुसार घरको सजायें श्री तारतमवाणी सिर पर रखकर जय जयकारके साथ नूतन गृहमें प्रवेश करें तत्पश्चात बधाईयाँ, चन्दन चढावनी, आरती, परिक्रमा, स्वरूप पाठ, भोग बोलकर ५ बार श्री तारतम महाँ मन्त्रका जाप करें तथा आगन्तुक सुन्दरसाथको प्रसाद वितरण करें. प्रेम परणाम !!
श्री ५ नवतनपुरी धाम जामनगर
श्री अर्जुन राज
प्रणाम