4/01/2010

परत:कालीन उठापन

रैनिकी उनीदी श्याम पीउ पासे आइयां,
पीउ पासे आइयां प्रीतम पासे आइयां !
नैन अरूण सोहे राते रंग भीने,
पिउ प्यारी मन्द मन्द मुस्काइयां !! १ !!

अतलस गेंदुवा सेत निहाली,
जादो लगे पीया शाल ओढाइयां !
लटपटी पाग छीटे बन्ध सोहें,
रंग सेज्या दोऊ लाल सोहाइयां !! २ !!

अंगसों अंग जोड़े दोऊ मन भाइयां,
अरस परस कर कंठ लपटाइयां !
महारंग रसभीने रसिक जुगल पीया,
निरखी निरखी सखियां सुख पाइयां !! ३ !!

चंदनकी चौकी डारौं बैठो प्यारे अंगना,
लवंगकी दातौन जल झारी भरी ल्याइयां !
इन्द्रावती पति रूप जुगल धनी,
निज नवरंग निरखी बलि जाइयां !! ४ !!

श्री ५ नवतनपुरी धाम जामनगर
अर्जुन राज
परणाम