१. भाद्र कृष्ण अष्टमीको श्री कृष्णजन्मोत्सव मनायें. दिन भर श्री कृष्णके चरित्रोंका श्रवण एवं कीर्तन कर मध्यरात्रिके अवसर पर प्रगट वाणीमेंसे नन्द घर कियो प्रवेश तक पाठ कर मन्दिरका पर्दा खोलें. अथवा योगमायानो देह धरीने-प्रकरण गायें. पश्चात भोग लगायें.
२. भाद्र शुक्ल अष्टमीमें दिनको ११ बजे श्री राधाजीका जन्मोत्सव मनायें. जोग मायानो देह धरीने प्रकरण गाकर मन्दिरका पर्दा खोलें. तत्पश्चात वधाई, आरती एवं भोग लगायें.
३. आश्विन कृष्ण चतुर्दशीके दिन प्रात: १० बजे श्रीजीका जन्मोत्सव मनायें. इस दिन श्री ५ नवतनपुरी धाम जामनगरमें विशेष रूपसे वार्षिक महोत्सव मनाया जाता है.
४. आश्विन शुक्ल चतुर्दशीको रात्रि ४ बजे श्री देवचंद्रजी महाराजका जन्मोत्सव मनायें.
५. आश्विन शुक्ल पूर्णिमाको शरद पूर्मिमा जागनी रास महोत्सव मनाना चाहिए. रात भर जागकर रासकी रामतें गायें. इस दिन श्री ५ पद्मावती पुरी धाममें वार्षिक महोत्सव मनाया जाता है.
६. चैत्र शुक्ल पूर्णिमाको प्रात: १० बजे श्री बाईजुराज जयन्ती मनायें. इस दिन मंगलपुरी धाममें वार्षिक महोत्सव मनाया जाता है.
७. जेष्ठ शुक्ल तृतीयाको महाराज छत्रसालजीका जन्मोत्सव मनायें.
नोट:- प्रत्येक जन्मोत्सवों पर वधाई, आरती, स्वरूप पाठ एवं भोग विधिवत होने चाहिए. प्रसाद ग्रहणके पश्चात ही भोजन करें.
श्री ५ नवतनपुरी धाम जामनगर
श्री अर्जुन राज
प्रणाम