स्वरूप सुन्दर सनकूल सकोमल, रूह देख नैना खोल नूरजमाल !
फेर फेर मेहेबूब आवत हृदे,किया किनने तेरा कौल फ़ैल ऐ हाल !!
जामा जडाव जुड्यो अंग जुगतें, चार हारों करी अम्बरे झलकार !
जगमगे पाग ए जोत जावर ज्यों, मीठे मुख नैनों पर जाऊं बलिहार !!
लाल अधुर हंसत मुख हरवटी, नासिका तिलक निलवट भौहें केश !
श्रवण भूषण मुख दंत मीठी रसना, ये देख दर्शन आवे जोश आवेश !!
बाहें चूड़ी बाजू बन्ध सोहें, फूम्मक पहोंची कांडों कड़ी हस्त कमल मुंदरी !
नखका नूर चीर चढ्या आसमानमें, ज्यों हक़ चलवन करे सब अंगुरी !!
रोशनी पटुके करी अवकाशमें, चरन भूषण जामे इजार झांई !
कहे महामति मोमिन रूह दिलको, माशूक खैंचे तोहे अरस माहीं !!
श्री ५ नवतनपुरी धाम जामनगर
श्री अर्जुन राज
प्रणाम