आलसीका यश, दुष्टोंकी मित्रता, नपुंसकका कुल, व्यसनीका विद्या, विलासीका सम्पत्ति, कृपणका सुख, असत्यवादी बुद्धि, अनभ्यासीकी स्मरण शक्ति तथा अविवेकीका सबकुछ विनष्ट हो जाता है !
इसीतरह नदी किनारे उगनेवाले वृक्ष, खेतमें फसलके साथ आनेवाले पौधे व घास, कुसंगमें रहने वाले पुरूष, दूसरेके घरमें आधिक जानेवाली स्त्री, अनुशासनहीन एवं अवज्ञाकारी सन्तान, अपव्ययी और विलासी व्यापारी, रिश्वतखोरी अधिकारी और गुप्तचर व्यवस्थाहीन राज्य देरसबेर अवश्यमेव नष्ट हो जाते हैं ! नीति.................
इस जीवन का अंत किसी क्षण भी हो सकता है, वह क्षण कब आ जाए, किसी को नही मालूम, बुद्धिमानी यह है कि वह क्षण आ जाने से पहले, इसी जीवन- काल में, मृत्यु के बाद पेश आने वाली परलोक- परिस्थिति की पूरी तैयारी कर ली जाए और आज से ही शुरू कर दी जाए !! प्रणाम !!
इस जीवन का अंत किसी क्षण भी हो सकता है, वह क्षण कब आ जाए, किसी को नही मालूम, बुद्धिमानी यह है कि वह क्षण आ जाने से पहले, इसी जीवन- काल में, मृत्यु के बाद पेश आने वाली परलोक- परिस्थिति की पूरी तैयारी कर ली जाए और आज से ही शुरू कर दी जाए !! प्रणाम !!