2/15/2010

पेहेले आप पेहेचनो रे साधो


पेहेले आप पेहेचनो रे साधो, पेहेले आप पेहेचनो !

बिना आप चीन्हें पार ब्रह्मको, कौन कहे मैं जानो !! १ !!

पीछे ढूँढ़ो घर आपनों, तब कौन ठौर ठेहेरानो !

जब लग घर पावत नाहीं अपनों, तोलों भटकत फिरत भरमानो !! २ !!

पांच तत्व मिल मोहोल रच्यो है, सो अन्त्रीख क्यों अटकानो

याके आसपास अटकाव नहीं, तुम जागके संसे भांनो !! ३ !!

नींद उडाए जब चीन्होंगे आपको, तब जानोगे मोहोल यों रचानो !

तब आपै घर पाओगे अपनों, देखोगे अलख लखनो !! ४ !!

बोले चाले पर कोई न पेहेचाने, परखत नहीं परखानो !

महामत कहें माहें पार खोजोगे, तब जाए आप ओलखानो !! 5 !!

प्रणाम प्रणाम प्रणाम प्रणाम प्रणाम प्रणाम प्रणाम प्रणाम ...............