
पेहेले आप पेहेचनो रे साधो, पेहेले आप पेहेचनो !
बिना आप चीन्हें पार ब्रह्मको, कौन कहे मैं जानो !! १ !!
पीछे ढूँढ़ो घर आपनों, तब कौन ठौर ठेहेरानो !
जब लग घर पावत नाहीं अपनों, तोलों भटकत फिरत भरमानो !! २ !!
पांच तत्व मिल मोहोल रच्यो है, सो अन्त्रीख क्यों अटकानो
याके आसपास अटकाव नहीं, तुम जागके संसे भांनो !! ३ !!
नींद उडाए जब चीन्होंगे आपको, तब जानोगे मोहोल यों रचानो !
तब आपै घर पाओगे अपनों, देखोगे अलख लखनो !! ४ !!
बोले चाले पर कोई न पेहेचाने, परखत नहीं परखानो !
महामत कहें माहें पार खोजोगे, तब जाए आप ओलखानो !! 5 !!
प्रणाम प्रणाम प्रणाम प्रणाम प्रणाम प्रणाम प्रणाम प्रणाम ...............