
इस प्रकार गाते हैं !!
पहेले बीज उदय हुआ, पूरी जहां नौतन !
सब पुरियोमें उत्तम, हुई सो धन धन !! पहेले
ए मध्ये जे पुरी कहावे, नौतन जेहनुं नाम !
उत्तम चौदे भवनमां, जीहां वलानुं विश्राम !!
एते दिन त्रिलोक में, हुती बुध्द सुपन !
सो बुध्द जी बुध्द जाग्रत ले, प्रगटे पुरी नवतन !!
संकलन श्री अर्जुन राजश्री ५ नवतनपुरी धाम जामनगर