सारी जिन्दगी मैं गुलाम बन जाता
मेरी लुटी तकदीर अगर कोई बना दे तो
सारी जिन्दगी मैं उसे सजा दे ता ।
ए दुनियां जिसे बाबरा कहता है
जो मौत का इन्तजार करता है
पर मेरे आत्मा को सब क्या कहे
वो तो इंतजार पे इंतजार करता है ।
आज जिसे तुम याद करते हो
कल तुम्हे वो भूल जाएगा
अगर वो तुम्हे याद रखेगा
तो तू खुदको ही भूल जायेगा ।
जब तक रहोगे नींद में सोके
आँखों में सपना ही दिखेगा
जब तुम आँखें खोल के देखोगे
तब ही तुम्हे कोई अपनासा लगेगा ।
प्रणाम ..................अर्जुन राज